سحر... ایک نئے سفر کا آغاز
Monday, December 17, 2012
फहीम क़रार : क्यों विरोधाभास है
इस जगत में आज इतना क्यों विरोधाभास है।
झूठ है सिर का मुकुट और सत्य का उपहास है।।
जिनको होना चाहिए था आज कारावास में।
आज उनके पास अपनी कार है, आवास है।।
फहीम क़रार
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