سحر... ایک نئے سفر کا آغاز
Sunday, December 16, 2012
फहीम क़रार : ताज़ा गुलाब देता था
हमेशा प्यार के ताज़ा गुलाब देता था
वो मेरी बात का हंस कर जवाब देता था
खबर मिली है ज़हर दे दिया गया उसको
जो सबकी फिक्र को एक इन्कलाब देता था
फहीम क़रार
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