Friday, December 21, 2012

फहीम क़रार : दिल में घर नहीं करता




















मै मुहब्बत अगर नहीं करता।
आपके दिल में घर नहीं करता।।

तेरी यादें भी साथ रहती हैं।
मै अकेला सफर नहीं करता।।

हसरतों के चिराग बुझ जाते।
वो जो आंचल इधर नहीं करता।।

ज़ख्म ऐसे भी कुछ मिले जिन पर।
कोई मरहम असर नहीं करता।।

टूट जाते 'क़रार' सब रिश्ते।
आना जाना अगर नहीं करता।।

फहीम क़रार

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