سحر... ایک نئے سفر کا آغاز
Sunday, December 16, 2012
डा.भैरूंलाल गर्ग : जीवन धन्य वही है
स्वाभिमान से जिया गया है, जीवन धन्य वही है
वचनबद्धता निभा गया है, जीवन धन्य वही है .
लोभ-लाभ में पड़कर जिसने जीवनमूल्य नहीं खोए
जग में पूजा सदा गया है, जीवन धन्य वही है .
- सर्वथा मौलिक /-डा.भैरूंलाल गर्ग
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