वो बाइसे - क़रार हो तो हो रहे तो हो रहे
रक़ीब हो कि यार हो तो हो रहे तो हो रहे
हमें तो बोलना है सच, हमें तो खोलना है सच
भले ही जान ख़्वार हो तो हो रहे तो हो रहे
विसाल का यकीन था विसाल का यकीन है
तवील इंतज़ार हो तो हो रहे तो हो रहे
फ़क़ीर तो फ़क़ीर है जो कह दिया सो कह दिया
ये शाह का दयार हो तो हो रहे तो हो रहे
ये प्यार पाक है मगर है पत्थरों पे बेअसर
ये याद यादगार हो तो हो रहे तो हो रहे
तुम्हारे लफ्ज़ थे दुआ, तुम्हारा लम्स था दवा
ज़माना ग़मगुसार हो तो हो रहे तो हो रहे
गुलों ने खूब जी लिया हयात का हर एक पल
ये आखिरी बहार हो तो हो रहे तो हो रहे
तुम्हारी याद के दिए जो दिन ढला जला लिए
घना जो अन्धकार हो तो हो रहे तो हो रहे
( मुस्तफ़ा माहिर )
#बाइसे-करार = करार की वजह, रकीब= दुश्मन विसाल = मुलाक़ात, तवील इंतज़ार= लम्बा इंतज़ार, गमगुसार= गम में शामिल होना , हयात= ज़िन्दगी
तवील इंतज़ार हो तो हो रहे तो हो रहे
फ़क़ीर तो फ़क़ीर है जो कह दिया सो कह दिया
ये शाह का दयार हो तो हो रहे तो हो रहे
ये प्यार पाक है मगर है पत्थरों पे बेअसर
ये याद यादगार हो तो हो रहे तो हो रहे
तुम्हारे लफ्ज़ थे दुआ, तुम्हारा लम्स था दवा
ज़माना ग़मगुसार हो तो हो रहे तो हो रहे
गुलों ने खूब जी लिया हयात का हर एक पल
ये आखिरी बहार हो तो हो रहे तो हो रहे
तुम्हारी याद के दिए जो दिन ढला जला लिए
घना जो अन्धकार हो तो हो रहे तो हो रहे
( मुस्तफ़ा माहिर )
#बाइसे-करार = करार की वजह, रकीब= दुश्मन विसाल = मुलाक़ात, तवील इंतज़ार= लम्बा इंतज़ार, गमगुसार= गम में शामिल होना , हयात= ज़िन्दगी
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