Monday, November 13, 2017

अपनी जगह है

हर शाम सँवरने का मज़ा अपनी जगह है
हर रात बिखरने का मज़ा अपनी जगह है

खिलते हुए फूलों की मुहब्बत के सफ़र में
काँटों से गुज़रने का मज़ा अपनी जगह है

अल्लाह बहुत रहमों-करम वाला है लेकिन
लेकिन अल्लाह से ड़रने का मजा अपनी जगह है

अकील नोमानी
बरेली।