Sunday, December 16, 2012

वसीम बरेलवी : आते आते मेरा नाम सा..


आते आते मेरा नाम सा रह गया
उसके होंठों पे कुछ कांपता  रह गया

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये
और मै था कि सच बोलता रह गया

वसीम बरेलवी

















मुहब्बत में ज़रा सी बेवफाई भी ज़रूरी है 
वही अच्छा भी लगता है जो वादे तोड़ देता है


वसीम बरेलवी

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