Monday, December 17, 2012

डॉ राजेश शर्मा : हस्तक्षेप जारी हे












हस्तक्षेप जारी हे 

गहरी नींद में सोने वालों 
आओ देखो उनको 
जिनकी आखों में 
नींद का एक कतरा भी नहीं ,
जिनकी नींद के सारे हिस्से 
चुरा लिए हे तुमने 
लाखों ,करोडो की नींदों को
तुमने भर लिया हे
अपने स्वर्ण रथ पर
और तेज़ी से हाँकते हुए
दौड़ा रहे हो उसे राजपथ पर
राजा की उस नींद के लिए
जिसकी पैरवी
संसद के पिछले सत्र में हुई थी ,
गाँवो ,बीहड़ो ,शेहरों ,प्रान्तों की
नींदे लादते लादते
कुछ नींदे गिर गयी
रथ के पहियों के नीचे
तुम्हे विदा करने वाले
तुम्हारे बिलकुल ख़ास लोग
रथ के रवाना होते ही
उन नींदों को उठा लाये
और खुद भी सो गए ,
मैने कहा कि
हस्तक्षेप जारी हे
तुम्हारा भी और हमारा भी
जहाँ जहाँ से तुम
नींदें बुहार के ले गए हो
वहाँ अब
आँखें खुली हे .

डॉ राजेश शर्मा

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