سحر... ایک نئے سفر کا آغاز
Friday, February 10, 2023
मुझे अपनी कोई ख़बर न हो, तुझे अपना कोई पता न हो: बशीर बद्र
बशीर
बद्र
कभी यूँ मिलें कोई मसलेहत, कोई ख़ौफ़ दिल में ज़रा न हो
मुझे अपनी कोई ख़बर न हो, तुझे अपना कोई पता न हो
कभी हम भी जिस के क़रीब थे, दिलो-जाँ से बढ़कर अज़ीज़ थे
मगर आज ऐसे मिला है वो, कभी पहले जैसे मिला न हो
बशीर
बद्र
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